संदेश

उसको फुरसत नहीं है दुनिया से

वो बैगानो में अपने

नज़र चाहती है दीदार करना

बड़ी अजीब सी बंदिश है उसकी मोहब्बत

हम बने ही थे तबाह होने के लिए

दिल-ए-गुमराह को काश ये मालूम होता

मेरी आँखों में आसूं

ऐसा नही की आप हमें याद नही आते

सिर्फ एक ही तमन्ना रखते हैं

तूने फेसले ही फासले बढाने वाले किये

वो बदलती रहती है अपने ठिकाने

तुम्हारे हँसने की वजह बनना